Mishri Written Update 27th October 2024: पार्वती ने मिश्री की जान बचाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया

Mishri Written Update 27 October 2024: वाणी शतरंज के खेल में नियम बदलने का मन बना चुकी थी। मिश्री के समर्थकों को अपनी जिंदगी से हमेशा के लिए दूर करने की योजना थी। राघव के पहले मिश्री का व्रत तोड़ने की घटना याद कर, वह मिश्री को राघव से अलग करने के लिए दृढ़ थी। राघव की बस में जीपीएस लगाकर, वह उसकी हर गतिविधि पर नजर रखने लगी। मिश्री, दादाजी को सांत्वना दे रही थी, लेकिन सुलेखा को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा था। वाणी का मानना था कि मिश्री दादाजी को अपने नियंत्रण में रखना चाहती है, लेकिन वह उसे अपनी जगह नहीं लेने देगी।

Mishri Written Update 27th October 2024

Mishri Written Update 27th October 2024

सुलेखा मिश्री से घर के काम जल्दी खत्म करने को कहती है। मिश्री जल्दी लौटने का वादा करती है। सुलेखा कहती है कि मिश्री को यह काम करना होगा क्योंकि वह इस घर की बहू है। इस बीच, वाणी दादाजी से मिश्री के बारे में पूछती है। वाणी मिश्री को अच्छी नहीं मानती और दादाजी को उससे दूर रहने की सलाह देती है। लेकिन दादाजी मिश्री का पक्ष लेते हैं। वाणी कहती है कि मिश्री राघव की असली पत्नी नहीं है और वह ही राघव की असली पत्नी है। चित्रा कहती है कि वाणी घर की जिम्मेदारी संभाल रही है।

वाणी ने चित्रा को गंभीर चेतावनी देते हुए कहा, “तुझे मेरी जिंदगी में दखल देने की हिम्मत कैसे हुई? अगर तूने मेरे मामलों में अपना नाक घुसाया तो तुझे पछताना पड़ेगा।” चित्रा हँसी और बोली, “तुझे क्या लगता है कि मैं तुझसे डरती हूँ? तू क्या कर सकती है?” वाणी की आँखों में आग जल उठी और उसने कहा, “तुझे अभी पता नहीं है कि सच्चाई सामने आने पर तू कितनी बदनाम होगी। तब तुझे मुझसे माफी मांगनी पड़ेगी, बल्कि दूसरों से भीख मांगनी पड़ेगी।”

धूल उड़ाते हुए मिश्री स्टोर रूम की सफाई में जुटी थी। पार्वती, सुलेखा को मनाने की असफल कोशिशों से थकी हुई, मिश्री पर नाराजगी व्यक्त कर रही थी। “मैंने बिना किसी शिकायत के तुम्हारी हर बात मानी, फिर भी तुम मेरा सम्मान क्यों नहीं करती?” पार्वती की आवाज में निराशा साफ झलक रही थी। उसने सुलेखा से मिश्री का अच्छा पक्ष देखने का आग्रह किया, परंतु सुलेखा ने कोई ध्यान नहीं दिया।

तभी, वाणी के मन में एक छलनी योजना उठी। वह सोच रही थी कि सफाई खत्म होने के बाद मिश्री दादी से मिलने जाएगी। उसे यह नहीं होने देना था। चुपके से, उसने पंखे का कनेक्शन ढीला कर दिया। कुछ देर बाद, मिश्री सुलेखा और पार्वती को स्टोर रूम में ले आई। वाणी, उनकी नज़रों से ओझल हो गई, मन ही मन यह सोच रही थी कि इस बार मिश्री उससे बच नहीं पाएगी। लेकिन, पार्वती ने स्टोर रूम की साफ-सफाई देखकर मिश्री की प्रशंसा की।

पंखा मिश्री के सिर पर गिरने ही वाला था कि पार्वती ने उसे बचा लिया। चित्रा गुस्से में लाल हो गई और मिश्री को डांटने लगी। तभी उसकी नज़र वाणी पर पड़ी और उसे तुरंत शक हो गया कि यह सब वाणी की साजिश है। वाणी ने मिश्री को डांटने का नाटक किया, लेकिन उसकी आंखों में एक चालाक चमक थी। सुलेखा ने मिश्री को ही इस घटना के लिए दोषी ठहराया, लेकिन पार्वती ने मिश्री का पक्ष लिया।

तभी अस्पताल से फोन आया और पार्वती को बताया गया कि उसकी दादी की हालत खराब है। पार्वती दौड़ी हुई अस्पताल गई। वहां वाणी ने वार्ड बॉय को डांटा और उससे दादी की हालत के बारे में सारी जानकारी मांगी। वाणी ने डॉक्टर की बातचीत सुनी और जान लिया कि दादी धीरे-धीरे ठीक हो रही हैं। लेकिन उसे डर था कि कहीं दादी मिश्री को उसके बारे में सब कुछ न बता दें।

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