Ghum Hai Kisi Ke Pyaar Mein Written Update 16th February 2025: हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब? मेरे छोटे से ब्लॉग में आपका स्वागत है, आज मैं आपके लिए एक नई अपडेट लेकर आया हूं, तो चलिए बिना देर किये जान लेते हैं।
Ghum Hai Kisi Ke Pyaar Mein Written Update 16th February 2025
इस प्रकरण में गहरी कृतज्ञता का दृश्य सामने आया। नील की वीरतापूर्ण हरकत से अभिभूत मोहित ने हकलाते हुए कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं तुम्हारा एहसान कैसे चुका पाऊंगा।” नील ने एक शांत मुस्कान के साथ भावना को दूर करते हुए कहा, “इसके बारे में सोचना भी मत, पुराने दोस्त।” तेजू ने भी मोहित की भावनाओं को दोहराया, उसकी आवाज़ थोड़ी कांप रही थी। “मेरे पास शब्द नहीं हैं, नील।
तुमने मुझे बचा लिया।” हमेशा की तरह आकर्षक नील ने जवाब दिया, “बस मेरी तरफ मुस्कुराओ, तेजू। बस इतना ही धन्यवाद चाहिए।” जैसे कि भाग्य ने ही ऐसा किया हो, एक नाजुक सिंहपर्णी का बीज नीचे गिरा, जो तेजू और मोहित दोनों के कंधों पर धीरे से गिरा। पास में खड़े एक वेटर ने इस असामान्य घटना को देखा, उसने अपने सहकर्मी से फुसफुसाते हुए कहा, “हमारे गांव में कहा जाता है कि अगर सिंहपर्णी का बीज तुम्हें छू जाए, तो तुम्हारी शादी तय है।” अंधविश्वास का माहौल साफ देखा जा सकता था, जब वेटरों ने अपनी आँखों में शरारती चमक के साथ नील और तेजू को भगवान शिव और देवी पार्वती की एक छोटी, जटिल नक्काशीदार मूर्ति भेंट की। नील ने एक सौम्य मुस्कान के साथ तेजू से आग्रह किया कि वह कीमती उपहार अपने पास रख ले।
यह सुखद क्षण अचानक टूट गया, जब मोहित ने अपनी छाती पकड़ ली और साँस लेने के लिए हांफने लगा। पूरे कमरे में दहशत फैल गई। तेजू, जिसका चेहरा पीला पड़ गया था, ने नील से आग्रह किया, “जाओ! डॉक्टर को बुलाओ!” नील ने अपने दृढ़ निश्चय के साथ मोहित को शांत किया, “आराम करो, दोस्त। मैं अभी वापस आता हूँ।”
मोहित जब बिस्तर पर लेटा था, उसकी साँस फूल रही थी, तभी नील आ गया। तेजू को आश्चर्य हुआ, जब नील ने स्टेथोस्कोप निकाला और मोहित की जाँच करने लगा। “नील, तुम क्या कर रहे हो?” तेजू ने कहा, “तुम डॉक्टर नहीं हो!” नील ने अपनी निगाहें स्थिर रखते हुए, शांति से मोहित को अपनी जेब से दवा निकालने का निर्देश दिया। तेजू और मुक्ता ने घबराकर बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन नील की आवाज़ में दृढ़ अधिकार था। “उसे इसकी ज़रूरत है,” उसने ज़ोर देकर कहा।
दवा लेने के बाद, मोहित की साँसें धीरे-धीरे कम होने लगीं। लेकिन तेजू गुस्से में था। “तुम ऐसा कैसे कर सकते हो?” उसने गुस्से से भरी आवाज़ में पूछा। “अगर उसे कुछ हो जाता, तो मैं तुम्हें माफ़ नहीं करती!”
नील ने उसकी चिंता को समझते हुए, अपनी जेब से एक पर्ची निकाली। तेजू ने नीचे छपे नाम को देखा – “नील प्रधान, एम.डी.” – उसके चेहरे से खून बहता हुआ महसूस किया। “तुम डॉक्टर हो?” उसने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आवाज़ में अविश्वास का भाव था। नील ने सीधे उसकी नज़र से देखते हुए पुष्टि की, “हाँ।”
तेजू, इस रहस्योद्घाटन से स्तब्ध, विश्वासघात की लहर महसूस कर रहा था। “तुमने मुझे क्यों नहीं बताया?” उसने पूछा। नील ने, अपनी आवाज़ को कोमल बनाते हुए समझाया, “मैंने कभी झूठ नहीं बोला, तेजू। तुमने… तुमने सोचा था कि मैं ड्राइवर हूँ।”
मोहित ने नील को बहुत धन्यवाद दिया और राहत की सांस ली। मुक्ता और वेदांत ने भी उसके आभार को दोहराया। स्वीकृति की एक झलक के साथ, नील चुपचाप कमरे से बाहर चला गया।
इस बीच, अदिति चौंक कर जाग गई, उसका दिल जोर से धड़क रहा था। जूही और प्राजक्ता, उसके अचानक रोने से चौंक गईं, उसके बिस्तर के पास भागीं। अदिति, अभी भी दुःस्वप्न से कांप रही थी, उसने भयानक दृश्य को याद किया। लक्ष्मी ने उसे शांत करने की कोशिश करते हुए इसे उसकी कल्पना मात्र बताकर खारिज कर दिया।
हालांकि, अदिति को मोहित की सुरक्षा सुनिश्चित करने की तीव्र इच्छा महसूस हुई। उसने अपना फोन उठाया और उसका नंबर डायल किया। देर रात को कॉल देखकर मुक्ता और तेजू ने चिंतित नज़रों का आदान-प्रदान किया। जब मोहित ने अपने फोन की स्क्रीन पर अदिति का नाम देखा, तो उसके मन में आशंका की लहर दौड़ गई।