Durga Written Update 27th October 2024: राजेश ने दुर्गा को आवाज लगाई, “कहां जा रही हो? अंदर आ जाओ।” दुर्गा ने बिना कुछ बोले सिर हिलाया और कमरे से बाहर चली गई। राजेश ने अनुराग और अनुभव की ओर मुड़कर कहा, “देखो ना कैसे चल रही है। कल रात की थकान है शायद।”
Durga Written Update 27th October 2024
अनुभव ने हैरानी से पूछा, “क्या हुआ है? वो ठीक तो है ना?” राजेश जोर से हंसा, “क्यों नहीं होगी? कल तो हमारी शादी की पहली रात थी ना।” अनुराग शर्मिंदा होकर वहां से जाने लगा, लेकिन राजेश ने उसे रोकते हुए कहा, “क्यों भाग रहा है? शर्मा क्यों रहा है? हर आदमी से होता है।”
राजेश ने आगे बढ़ते हुए कहा, “जल्द ही तुम्हारी भी बारी आएगी। याद रखना, लड़कियां शर्मीले लड़कों को नहीं पसंद करतीं। आत्मविश्वास दिखाना चाहिए। मैंने तो दुर्गा से ही ये सब सीखा है।” तभी राजेश की मौसी कमरे में आई। “कहां थी? नहा रही थी?” उसने पूछा।
राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा, “हां, मौसी।” फिर उसने अनुराग और अनुभव की ओर इशारा करते हुए कहा, “इनके लिए मैंने और दुर्गा ने एक सरप्राइज गिफ्ट रखा है। बिस्तर पर जाकर देख लेना।”
अनुराग और अनुभव शर्मिंदा होकर वहां से चले गए।
दूसरी ओर, दुर्गा ने कमरे में आकर आईने में अपने चेहरे को देखा। उसकी आंखें आंसुओं से भर आईं। उसने मन ही मन सोचा, “मुझे अनुराग को सच बताना होगा। चाहे जो भी हो जाए।” वह लंगड़ाते हुए अनुराग और अनुभव की कार का पीछा करने लगी।
दुर्गा ने अनुराग की कार के सामने कदम रखा, उसकी आंखों में एक दृढ़ निश्चय था। कार रुक गई। अनुराग ने अनुभव की ओर इशारा करते हुए कहा, “उसे हटा, नहीं तो मैं कुचल दूंगा।” अनुभव ने दुर्गा से कहा, “एक तरफ हो जाओ।” लेकिन दुर्गा ने उसकी बात नहीं मानी। “मुझे अनुराग से बात करनी है,” उसने कहा।
अनुराग कार से उतरा और धीरे-धीरे दुर्गा के पास गया। उसकी आंखें दुर्गा के चेहरे पर गौर से टिकी थीं। दुर्गा ने गहरी सांस ली और कहा, “राजेश ने तुम्हें जो कुछ भी बताया, वह झूठ है। हमारे बीच कुछ नहीं हुआ।” अनुराग ने दुर्गा को ऊपर से नीचे तक देखा। उसकी आंखों में गुस्सा और भ्रम साफ झलक रहा था। “तुझे देखकर मुझे घृणा होती है,” उसने कहा।
दुर्गा ने आश्चर्य से अनुराग को देखा। “क्यों? मैंने क्या गलत किया?” अनुराग ने मुड़कर जाने लगा। “तूने मुझे धोखा दिया।” दुर्गा ने उसके पीछे-पीछे चलते हुए कहा, “मैंने कभी तुम्हें धोखा नहीं दिया।” लेकिन अनुराग ने उसकी बात नहीं सुनी।
अनुभव ने दुर्गा को चेतावनी दी, “अनुराग से दूर रह। लोग क्या कहेंगे?” दुर्गा ने निराशा से सिर झुका लिया। उसे लगा कि वह अकेली पड़ गई है। घर वापस आकर राजेश ने पूछा, “दुर्गा कहां है?” लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
अनुराग और अनुभव कार में बैठ गए। अनुभव ने कहा, “तुझे दुर्गा से दूर रहना चाहिए।” अनुराग ने खिड़की से बाहर देखा और कहा, “मैं चाहता हूं कि वह हमेशा मेरे सामने से गायब रहे।” कार धीरे-धीरे आगे बढ़ी और रात की अंधेरे में विलीन हो गई।
दुर्गा घर लौटी तो मीरा ने उसे घेर लिया, “तू कहां थी? सब लोग तुझे ढूंढ रहे थे।” चांदनी ने तंज कसते हुए कहा, “शायद अनुराग और अनुभव के पीछे गई थी।”
राजेश की आवाज आई, “दुर्गा, तू कहां थी?”
दुर्गा ने कुछ नहीं कहा। मीरा ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन राजेश ने उसे चुप करा दिया, “अगर तूने फिर कुछ बोला तो दुर्गा की कमर तोड़ दूंगा।” दुर्गा ने आत्मविश्वास से कहा, “मैं तुम्हारी नौकर नहीं हूं। अगर तुमने फिर मेरे साथ ऐसा किया तो मैं विक्रम से शिकायत करूंगी।”